फर्जी दस्तावेज बनाकर मां का मकान बेचना का मामला
भोपाल न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय ने फर्जी दस्तावेज बनाकर मां का मकान बेचने वाले आरोपी सगीरउद्दीन का जमानत आवेदन सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। शासन की ओर से एडीपीओ हेमलता कुशवाह ने पक्ष रखा। पीआरओ मनोज त्रिपाठी ने बताया कि फरियादिया रईसा बी पति स्व. नसीरउद्दीन द्वारा रिपोर्ट लेख कराई गई कि पति की मृत्यु हो चुकी है, एवं उनके स्वत्व स्वामित्व एवं अधिपत्य का एक मकान म. नं. 95 मुफ्ती नाले के पीछे तहसील हुजूर जिला भोपाल में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 930 वर्गफीट है। जिस पर अब फरियादिया का अधिकार है एवं उसने अपनी वसीयत किसी भी पुत्र के नाम नहीं की है। फरियादिया एक अस्वस्थ वृद्ध महिला है, जो अपनी बेटी के साथ रहती है। फरियादिया के बेटे सगीरउद्दीन एवं पोते अमानुद्दीन के द्वारा फरियादिया के स्वामित्व के मकान के कूटरचित दस्तावेज बनाए गए है। जिसकी जानकारी फरियादिया के पोते अमानउद्दीन के द्वारा दी गई कि उसे पैसो की जरूरत है और वह बाम्बे जाकर बिजनेस करना चाहता है, इसलिए उक्त मकान बेचना चाहता है, मकान खाली कर दो, वरना वह मकान का सामान बाहर निकाल कर फेंक देगा। फरियादिया के पुत्र एवं पोते का कहना है कि उन्होने मकान के कागजात बनवा लिये है, उन्होने मकान को 1975 में खरीद लिया है एवं 50000 रूपये की राशि प्राप्त करके मकान बेचने का बयाना भी ले लिया है। पुलिस द्वारा उक्त अपराध थाना टीलाजमालपुरा के अपराध क्रमांक 368/2020 धारा 420, 448, 467, 468, 471, 120 बी भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया।